थोथ की तस्वीर
वस्तु का स्थान: शयनकक्ष
आइबिस (कालाबाझ) के सिर वाले मिस्र के देवता थोथ को यूनानि हेमीज़ कहा करते थे. उस की यह प्रतिमा संघरक्षितजी ने अपने शयनकक्ष के दरवाजे के ऊपर लगायी थी. यह बर्मिंघम में मध्यमालोक में उनके लिविंग रूम कमरे के दरवाजे पर भी लटकी हुई थी, यहाँ वे अधिष्ठान में जाने से पहले रहते थे. 2010 और 2015 के बीच संघरक्षितजी ने धम्मचारिणी कल्याणप्रभा की मदद से कई पुस्तकें स्व-प्रकाशित कीं. जब उनसे पूछा गया कि इस नए उद्यम के प्रकाशन गृह का नाम क्या होना चाहिए, तो उन्होंने अपनी आंख में चमक के साथ जवाब दिया, ‘देखो, पेंगुइन बुक्स, पफिन बुक्स और पेलिकन बुक्स हैं, चलो हम आइबिस पब्लिकेशन्स बनते हैं.’’
कई वर्षों से कई तस्वीरों ने मेरे दरवाजे पर अपनी बारी ली, जैसा जैसा मेरे मूड या रुचि ने तय किया, लेकिन एक तस्वीर है जो किसी भी अन्य की तुलना में अधिक समय तक चली है और जिसने, पिछले पांच या छह वर्षों से, जब भी मैंने कमरे में देखा है, मेरी निगाहों का सामना किया है……. थोथ देवताओं के लेखक हैं, साथ ही लेखन के आविष्कारक और बुक ऑफ द डेड और अन्य पवित्र ग्रंथों के लेखक भी हैं, इसलिए हम उन्हें मानव जाति के लिए दिव्य ज्ञान बताने वाले या पहुंचाने वाले करके देख सकते हैं. इसी तरह, हेमीज़ ज़्यूस की इच्छा को छोटे देवताओं और नश्वर मनुष्यों तक पहुंचाता है. और हेमीज़ दोनों स्वर्ग और पृथ्वी, दिव्य और मानव, यहां तक कि अलौकिक और सांसारिक के बीच के संवाद के वाहक हैं.
A Moseley Miscellany, Ibis Publications, Ledbury 2015, pp.88, 90–1