
उरग्येन हाउस में आपका स्वागत है
अधिष्ठान की भुमि में स्थापित यह उर्ग्येन संघरक्षितजी का अंतिम निवास रहा.
अधिष्ठान की भुमि में स्थापित यह उर्ग्येन संघरक्षितजी का अंतिम निवास रहा.
अपने जीवन के अंतिम साढ़े पाँच वर्ष वे यहां रहे. उर्ग्येन हाउस आगंतुकों के लिए खुला है और अधिष्ठान की व्यवस्था के सहयोग से तीर्थयात्रियों और आगंतुकों का स्वागत करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया विज़िट पृष्ठ देखें.
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2025 में संपूर्ण वर्ष, हम उर्ग्येन संघरक्षितजी की 100 वीं जयंती मनाएंगे, जिसमें उनके संस्थापक और मार्गदर्शक के उल्लेखनीय जीवन और कार्य का सम्मान करते हुए साल भर चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन त्रिरत्न आंदोलन में किया जाएगा.
त्रिरत्न वीडियो लाइब्रेरी 2025 में हर महीने की पहली तारीख को भंते की पहले कभी न देखी गई बातचीत जारी कर रही है.
नवीनतम वीडियो ब्लॉग.
The Sweet Mystery of Friendship
20 से अधिक वीडियो ब्लॉगों का एक बढ़ता हुआ संग्रह संघरक्षितजी के जीवन और शिक्षण को प्रस्तुत कर रहा है.
उर्ग्येन हाउस
संघरक्षितजी का निवास कमरा, कंजर्वेटरी और शयनकक्ष 2018 में उनकी मृत्यु के बाद से अछूता है. यह त्रिरत्न के संस्थापक और मार्गदर्शक के साथ जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है..
मुख्य लॉबी क्षेत्र में प्रदर्शन, बैठने और पढ़ने के लिए जगह है, अभ्यास और समारोहों के लिए एक पूजास्थान कक्ष उपलब्ध है.
प्रदर्शनियाँ
उर्ग्येन हाउस का भोजन कक्ष अब संघरक्षितजी के जीवन और समय को दर्शाने वाला बदलती प्रदर्शनियों का स्थान है. इन प्रदर्शनियों को यहां वेबसाइट के प्रदर्शनी पृष्ठों पर भी देखा जा सकता है.
विविध संग्रह
उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट उर्ग्येन हाउस में विविध संग्रहों को सुरक्षित रखता है.