
उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट और साहित्यिक निष्पादक
उर्ग्येन हाउस उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट की जिम्मेदारी है. उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट यह उड्डियाना ट्रस्ट का कामकाजी नाम है, जिसका यूके चैरिटी पंजीकरण 1046398 है. उर्ग्येन संघरक्षितजी की विरासत को संरक्षित करने के लिए यह ट्रस्ट समर्पित है. 2005 में संघरक्षितजी ने अपनी सभी पुस्तकें और कलाकृतियाँ ट्रस्ट को दान कर दीं, और वसीयत के द्वारा अपने साहित्यिक, फोटोग्राफिक और ऑडियो अभिलेखागार को भी उड्डियान की देखभाल में रख दिया. ट्रस्ट इन सभी की देखभाल करता है और उर्ग्येन हाउस और संघरक्षित लाइब्रेरी के माध्यम से, साहित्यिक निष्पादकों के साथ मिलकर इस मूल्यवान विरासत को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए काम करता है.
उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट के ट्रस्टी
महामति
संघरक्षितजी की वसीयत के लिए प्रमुख निष्पादक और उनके सचिवों में से एक है.
परमार्थ (अध्यक्ष)
संघरक्षितजी की वसीयत के लिए प्रमुख निष्पादक और 2018 में उनकी मृत्यु तक संघरक्षित के लंबे समय तक साथी रहे है.
मोक्षप्रिय (निदेशक)
क्लियर विजन ट्रस्ट के संस्थापक, जो अब त्रिरत्न पिक्चर लाइब्रेरी, त्रिरत्न वीडियो लाइब्रेरी और उर्ग्येन हाउस चला रहे हैं.
प्रज्ञानिता
अधिष्ठान की निदेशक और अधिष्ठान टीम की सदस्य, जो संघरक्षितजी की विरासत के चैतन्य को जीने और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
साहित्यिक निष्पादक
साहित्यिक निष्पादकों को संघरक्षितजी द्वारा नियुक्त किया गया था. वे उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट की ओर से उनकी साहित्यिक संपदा का प्रबंधन करते हैं. विशेष रूप से, साहित्यिक निष्पादकों के पास संघरक्षित द्वारा लिखी गई किसी भी चीज़ के कॉपीराइट, पहुँच और उपयोग के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी है.
वे संघरक्षितजी के व्याख्यान, सेमिनार, साक्षात्कार आदि की सभी ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग तथा उनके बोले गए शब्द या व्यक्तिगत उपस्थिति वाली किसी भी चीज़ के कॉपीराइट के लिए भी जिम्मेदार हैं. वे संघरक्षितजी के प्रकाशकों, विंडहॉर्स प्रकाशनों और अन्य त्रिरत्न मीडिया संस्थानों के साथ-साथ त्रिरत्न अनुवाद बोर्ड के साथ भी निकटता से जुड़े हुए हैं, जो संघरक्षितजी के लेखन का कई भाषाओं में अनुवाद करने की देखरेख करता है.
कल्याणप्रभा
साहित्यिक निष्पादकों की समन्वयक. संघरक्षितजी के Ibis प्रकाशन (2010-2015) की संपादक और कम्प्लिट वर्कंस की सह-संपादिका है.
नागबोधि
1974-1998 तक विंडहॉर्स प्रकाशन के निदेशक रहै, विंडहॉर्स संघरक्षितजी के साहित्य का मुख्य प्रकाशक है.
विद्यादेवी
1993-2013 तक संघरक्षितजी की कई पुस्तकों की संपादिका रही है. कम्प्लिट वर्कस् की संपादिका है.
सुभूति
सुभूति ने त्रिरत्न बौद्ध महासंघ के इतिहास के अधिकांश समय में संघरक्षितजी के साथ मिलकर काम किया है और उनकी विरासत पर विस्तार से लिखा और व्याख्यान दिए है.
प्रज्ञाकेतु
उर्ग्येन संघरक्षित ट्रस्ट के पूर्व निदेशक रहे है. 2014-2020 तक यूरोपीय त्रिरत्न युवा बौद्ध के समन्वयक रहे है.
वज्रतारा
इंडिया धम्म ट्रस्ट की अध्यक्षा है. तिरतनलोक दिक्षा प्रशिक्षण टीम का सदस्या है.
विद्यारुचि
2009-2013 तक संघरक्षितजी के निजी सहायक रहे है और लेखक है.