TPA7431-23.jpg

आय टी बी सी आय स्कूल का पोस्टर

वस्तु का स्थान : लिविंग रुम

भारत-तिब्बत बौद्ध सांस्कृतिक संस्थान स्कूल की स्थापना 1954 में कलिम्पोंग में धार्दो रिम्पोचे द्वारा की गई थी.  तिब्बती शरणार्थियों के बच्चों और 1950 के दशक की शुरुआत में तिब्बत पर चीनी कब्जे के कारण अनाथ हुए शरणार्थियों के लिए इसे बनाया गया था. जब वे भारत में रह रहे थे, तब संघरक्षितजी अक्सर इस स्कूल से संबंधित मामलों में रिम्पोचे की मदद करते थे. बाद में, जब पश्चिम में वापस आए, तो उन्होंने त्रिरत्न बौद्ध संघ के सदस्यों को स्कूल की गतिविधियों के वित्तपोषण में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया. यह बैनर स्कूल की स्थापना की साठवीं वर्षगांठ पर 2014 में धारदो रिम्पोचे के उत्तराधिकारी, नए तुल्कु द्वारा संघरक्षितजी को भेजा गया था. स्कूल के प्रति उनकी सेवाओं और धार्दो रिम्पोचे के साथ उनके असाधारण करीबी संबंध के सम्मान में, संघरक्षितजी की तस्वीर भी बैनर पर दिखाई देती है. बैनर के मध्य में स्कूल के ध्वज के उपर छपाया जानेवाला चिन्ह दिखाई देता है.

स्कूल के ब्रिद-वाक्य के तीन तत्व बैनर के नीचले हिस्से में अंकित हैं: 'धम्म को संजोएं' को प्रतीकात्मक रुप से मार्ग और चक्र से, त्रिरत्न और त्रिकाया से दिखाया गया है; 'एकता से रहे' को तीन अजीब जानवरों से दिखाया गया है; जबकि 'मैत्रि को बिखैंरे' को आकाश में सूर्य के प्रतीक द्वारा व्यक्त किया है.

भारत-तिब्बत बौद्ध सांस्कृतिक संस्थान स्कूल रिपोर्ट, 1963

Previous
Previous

पद्मसंभव मुर्ती

Next
Next

चलते हुए बुद्द