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संघरक्षितजी ने कई व्याख्यान दिए, जिनमें बहुत से लोग शामिल हुए.
'टेप-रिकॉर्डर आदि एकत्र किए. 6.50 बजे तक सेंटर हाउस पहुँच गए. कई लोगों से बात की. 7.35 को मीटिंग शुरू हुई. माइक रोजर्स अध्यक्ष बने. "अस्तित्व की प्रकृति - सही समझ" “The Nature of Existence - Right Understanding”.पर बात की. अच्छी उपस्थिति, लगभग 80 लोग. मैत्रि का माहौल. सवालों के जवाब दिए, फिर जलपान के लिए अंतराल, अंत में पूजा और ध्यान. 10 बजे के बाद ही खत्म हुआ.'
डायरी शुक्रवार 26 जनवरी 1968
'रोज काफी देर से आयी. शुक्रवार के व्याख्यान के लिए कुछ मोटे नोट्स बनाए. टेरी दोपहर के समय आया. साथ में लंच किया, जिसके बाद वह 2 बजे चला गया. उसे देखकर खुशी हुई, हालाँकि उसे इतना उदास और दुखी देखकर दुःख हुआ. ज़ेन पर चौथे व्याख्यान के सात पृष्ठ टाइप किए. 5.30 बजे सकुरा के लिए रवाना हुए.'
डायरी मंगलवार 30 जनवरी 1968