पब्बज्जा दीक्षा समारोह दस्तावेज़

यह समारोह, ए.ए.जी. बेनेट द्वारा संघरक्षितजी को दिया गया था, उन कई समारोहों में से एक है, जिनका उल्लेख उन्होंने पश्चिमी बौद्ध संघ के लिए दीक्षा समारोह की रचना करते समय किया था.

11.00 बजे दीया बंद किया, लेकिन नींद नहीं आई. आधी रात के कुछ समय बाद अचानक उपासक-दीक्षा विधि के लिए प्रेरणा जाग उठी. उठा और शब्दों को लिख दिया. ऐसा लगा कि कोई आवाज़ सुनाई दे रही थी, "मुख्य बात पवित्रता है". 1.30 बजे सो गया.'

डायरी रविवार 10 मार्च 1968

'बहुत जल्दी उठा, लेकिन फिर से नींद की झपक आ गई, और 9 बजे तक नहीं उठा. नाश्ते के बाद उपासक दीक्षा को टाइप किया, पाली मूल और अंग्रेजी अनुवाद दोनों.'

डायरी बुधवार 20 मार्च 1968

‘'रविवार को उपयोग के लिए दीक्षा विधि का संकलन पूरा किया... पहाड़ी पर सेंटर हाउस तक चलते गया. पूरी शाम, 7.30 से 9.30 तक, रविवार के लिए कमरे की व्यवस्था करने और दीक्षा समारोह का अभ्यास करने में बिताई.’

डायरी शुक्रवार 5 अप्रैल 1968

‘‘दिन का अधिकांश समय, शाम की और कल की तैयारी में बिताया. दीक्षा लेने वालों के लिए उपहार समेटे…एमिल को अवलोकितेश्वर की मूर्ति चमकाने के लिए दी.’

डायरी शनिवार 6 अप्रैल 1968

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