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हरा-पत्थर

वस्तु का स्थान :  लिविंग रुम

नदी में घिसा हुआ न्यूज़ीलैंड ग्रीनस्टोन (माओरी: पौनामु) का यह टुकड़ा मिलने आए एक न्यूज़ीलैंडवासी का उपहार है. ऐसा प्रतीत होता है कि संघरक्षितजी इसके स्पर्श-गुणों की सराहना करते थे और अपने बाद के वर्षों में उन्हें अक्सर इसे अपने हाथ में लिए देखा जाता था.  कभी-कभी उन्होंने इसे 'हीलिंग स्टोन' के रूप में इस्तेमाल किया, इसे अपने शरीर के कुछ हिस्सों पर लगाने से रुक-रुक कर होने वाले दर्द से राहत मिलती थी.

न्यूजीलैंड दुनिया का एक ऐसा हिस्सा है जहां एफडब्ल्यूबीओ (त्रिरत्न) केंद्र संघ के शुरुआती दिनों में स्थापित किए गए थे, खासकर क्राइस्टचर्च, वेलिंगटन और ऑकलैंड में. संघरक्षितजी ने 1975, 1979 और 1997 में बड़े पैमाने पर न्यूजीलैंड का दौरा किया था.

1979 और 1997 के दौरों का विवरण द कम्प्लीट वर्क्स ऑफ संघरक्षिता, खंड 24 में प्रलेखित है.).

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