संघरक्षितजी की जन्म कुंडली
बुद्धदास शुरुआती दिनों के माहौल को याद करते हैं:
‘यह भी भारी-भरकम और रोमांचक समय थे: व्यक्तिगत प्रश्नों और अन्वेषण का समय, नशिले पदार्थों के साथ प्रयोग करने का समय, और प्रचलित सामाजिक मूल्यों का पुनर्मूल्यांकन करने का समय. वातावरण में क्रांति की एक संक्रामक गंध भी थी.’
On the First Rung, p.17
‘इस कुंडली के अनुसार मेरे अधिकांश ग्रह क्षितिज से नीचे थे, जिसका स्पष्ट अर्थ था कि ये ग्रह जिन प्रभावों का प्रतिनिधित्व करते थे, वे चेतना के क्षेत्र में नहीं बल्कि उसके नीचे काम कर रहे थे. हालाँकि मैंने ज्योतिष को कभी बहुत गंभीरता से नहीं लिया, या वास्तव में इस विषय में कोई वास्तविक रुचि नहीं थी, फिर भी इस तथ्य पर विचार करते हुए मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि मेरे जीवन का मार्ग तर्क और कारण-मिमांसा के बजाय आवेग और अंतर्ज्ञान द्वारा निर्धारित किया गया था. और मेरे लिए, पहले किसी विचार या अवधारणा को स्पष्ट करने और फिर उस पर कार्य करने, यानी उसके स्पष्ट रूप में उस पर कार्य करने का कोई सवाल ही नहीं हो सकता था. विचार या अवधारणाएँ उन पर अमल करने की प्रक्रिया में स्पष्ट हो जाती थी.’
Sangharakshita, The History of My Going Refuge, (CW23), p.405