मई 1967 में भावी संघ सदस्यों द्वारा लिखा गया परिपत्र

संघरक्षितजी को अंग्रेजी संघ ट्रस्ट से निकाले जाने पर तूफान जारी रहा, लेकिन उन लोगों से मजबूत समर्थन मिला जिनकी रुचि और धर्म के प्रति प्रेरणा की चिनगारी संघरक्षितजी द्वारा जगाई गई थी. उनके लिए ‘पश्चिमी बौद्ध धर्म का भविष्य रोमांचक और चुनौतियों से भरा है!’

‘7.30 बजे उठे. चाय बनाई. रेडियो पर इजरायल और मिस्र के बीच लड़ाई छिड़ने की खबर. टेरी बाहर गया. सुबह 'फ्रेन्डस् ऑफ दी वेस्टर्न संघ' के ध्येय और उद्देश्यों के विवरण का मसौदा तैयार करने में बिताई.’

डायरी सोमवार 5 जून 1967

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