1967 की डायरी 6 अप्रैल को प्रविष्टि के लिए खोली गई

जैसा कि इस डायरी प्रविष्टि से पता चलता है, संघरक्षितजी समर्पण समारोह पर काम कर रहे थे, (आज भी त्रिरत्न में उपयोग किया जाता है) उसी दिन नया आंदोलन का जन्म हुआ - जिसे पहले 'फ्रेन्डस् ऑफ दी वेस्टर्न संघ' नाम से जाना जाता था.

6.30 के तुरंत बाद सकुरा में गया. पुजास्थान को अंतिम रूप दिया. समारोह 7.00 बजे शुरू हुआ. 15 मिनट तक बात की, फिर सभी ने एक साथ समर्पण का पठन किया, उसके बाद सप्तांग पूजा की. अंत में 20 मिनट का ध्यान. 8 बजे समाप्त हुआ. बहुत अच्छा माहौल. जैक ऑस्टिन, ग्राहम पेटची, ऐनी डॉबस्टीन, श्रीमती फिलिप्स, किम वॉल सहित दो दर्जन से अधिक लोग निमंत्रण पर उपस्थित थे. थीन चाऊ और विवियन को वापस लिफ्ट दी. कॉफ़मैन की "हेगेल" पढ़ी और सो गया.'

डायरी गुरुवार 6 अप्रैल 1967

'त्रिरत्न विहार और ध्यान कक्ष की स्थापना ने 'फ्रेन्डस् ऑफ दी वेस्टर्न संघ' के जन्म को चिह्नांकित कर दिया. एक साल बाद वेस्टर्न बुध्दिस्ट ऑर्डर की स्थापना के साथ वह 'फ्रेन्डस् ऑफ दी वेस्टर्न बुध्दिस्ट ऑर्डर' बन गया. नया बौद्ध आंदोलन अब केवल एक विचार नहीं था, और न ही मात्र सपना, यह एक वास्तव बनने लगा था.'

Sangharakshita, Moving Against the Stream, (CW23), p.431

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