हाथी दांत से बने तीन बुद्ध प्रतिमाएं
‘चौरंगी वापस आ गया. न्यू कैथे में बहुत खराब कॉफी पी. कश्मीर एम्पोरियम में देखा, फिर एस्प्लेनेड में कई हस्तशिल्प की दुकानों में. हाथी दांत से बने बुद्ध, टेबल मैट खरीदे...खादी एम्पोरियम में घंटों खोजबीन की. अमितायुस की एक सुंदर मूर्ति मिली और उसे एक तरफ रखने के लिए कहा.’
डायरी सोमवार 2 जनवरी 1967
परमार्थ याद करते हैं कि संघरक्षितजी ने एक बार कहा था कि अगर उन्हें हाथी दांत के व्यापार के बारे में तब पता होता जो उन्हें अब पता है, तो वे कभी भी हाथी दांत से बनी कोई चीज नहीं खरीदते.