कविताओं की नोटबुक- ‘मास्क’ कविता का पन्ना खोला हुआ
‘3 बजे तक बारिश कम हो गई थी, इसलिए कॉमन से होते हुए डेविल्स पंच बाउल तक टहलने निकल गया. हरे हीथर और सुनहरे भूरे रंग के ब्रेकन का अद्भुत कंट्रास्ट. नंगे पेड़ सभी लाइचेन से फॉस्फोरसेंट थे. “लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स” और अन्य विषयों पर चर्चा की. प्रस्तावित व्यवस्था के बारे में बात की… स्टीफन ने अपना उपन्यास फिर से लिखना जारी रखा, जबकि मैं “ज़ेन कैथोलिकवाद” (“Zen Catholicism”)पढ़ता रहा. एक कविता लिखी, “मास्क”(Masks). पूजा और ध्यान. 12 बजे के तुरंत बाद सो गया.’
डायरी गुरुवार 18 जनवरी 1968